डेंगू क्या है?
डेंगू एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। भारत में डेंगू की बीमारी इन दिनों अपनी चरम सीमा पर है आय दिन हजारों की संख्या में लोंग डेंगू की बीमारी से ग्रसित हो रहे है।
डेंगू वायरस के संक्रमण का फैलाव ज्यादातर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में होता है, ऐसे स्थानों पर ज्यादा नमी होने के कारण डेंगू का लार्वा पनप जाता है और धीरे धीरे यह वायरल के रूप के लोंगो में फ़ैलाने लगता है।
डेंगू का फीवर कितना खतरनाख है?
डेंगू वायरस डेंगू बुखार का कारण बनता है। डेंगू का इलाज जल्दी करना बहुत महत्वपूर्ण है।
डेंगू वायरस मच्छरों से फैलता है।
पीड़ित व्यक्ति को डेंगू बुखार इतना दर्द दे सकता है जैंसे उनकी हड्डियां टूट गई हैं, इसलिए इसे
"हड्डी तोड़ बुखार" भी कहा जाता है।
डेंगू बुख़ार के कुछ लक्षणों में बुखार; सिरदर्द; त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते; और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। कुछ लोगों में डेंगू बुख़ार एक या दो ऐसा रूप हो सकता है जो जानलेवा हो सकता है। पहला, डेंगू रक्तस्रावी बुख़ार है, जिससे रक्त वाहिकाओं (रक्त ले जाने वाली नलिकाएं) में रक्तस्राव या रिसाव होता है। और रक्त जमने के कारण रक्त प्लेटलेट्स कम होते हैं। दूसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम है, जो खतरनाक रूप से निम्न रक्तचाप का कारण बनता है।
डेंगू बुखार के लक्षण
लक्षण इस बात पर निर्भर करेंगे कि डेंगू बुखार किस प्रकार का
डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते हैं:-
1 क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार - डेंगू बुखार, ठंड लगाना, तेज बुखार ,सिर मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले भाग में दर्द होना, भूख में बेहद कमी तथा जी मितलाना, मुँह के स्वाद का खराब होना
2 डेंगू हॅमरेजिक बुखार (DHF) - रक्तस्राव (हॅमरेज होने के लक्षण) नाक, मसूढ़ों से खून आना , शौच या उल्टी में खून आना, त्वचा पर गहरे नीले काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाना
3 डेंगू शॉक सिन्ड्रोम (DSS) - इस प्रकार के डेंगू बुखार में DHF के ऊपर बताए गये लक्षणों के साथ-साथ "शॉक" की अवस्था के कुछ लक्षण भी प्रकट हो जाते हैं। डेंगू बुखार में शॉक के लक्षण ये होते हैं: जैसे, बेचैन, तेज बुखार के बावजूद त्वचा का ठंडा होना, रोगी धीरे-धीरे होश खोने लगता है, नाड़ी कमजोर होना, रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) कम फ़ैलाने लगता है
डेंगू से बचाव
* मच्छरों से बचने के लिए: मच्छरों से बचने के लिए मच्छर नेट और रिपेलेंट्स का उपयोग करें।
* शुद्धता: आस-पास की जगहों को साफ रखें और पानी जमने से बचें।
* उत्तम भोजन: शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए स्वस्थ भोजन करें।
* सही से पानी का छिडकाव करें : सही जलवायु के अनुसार पानी का छिडकाव करें, ताकि पानी जमने से बच जाए।
* सुनसान स्थानों से बचाव: डेंगू संक्रमण से बचने के लिए सुनसान और गंभीर बचाव उपायों का पालन करें, जैसे छोड़ने वाले डिब्बों की सफाई।
* उपचार: (क्लासिकल) डेंगू बुखार होने पर सामान्य रूप से घर में ही उपचार करके ठीक किया जा सकता है
जैसे, पेरासिटामॉल की गोली या शरबत लेकर बुखार को कम किया जा सकता है
बुखार 102°F से अधिक है तो हाइड्रोथेरेपी दे मरीज को DHF,DSS जैसे लक्षण दिखने पर अपने नजदीकी स्वाथ्य केंद्र पर इलाज करायें
नोट: रोगी को डिसप्रिन, एस्प्रीन कभी ना दें।
Disclaimer
सभी उपयोगकर्ताओं को ध्यान देना चाहिए कि यह जानकारी और सलाह जो कि यहाँ प्रदान की गई है, केवल जानकारी और शिक्षात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे व्यक्तिगत चिकित्सकीय सलाह की जगह नहीं देना चाहिए। यदि आपको किसी बीमारी या स्वास्थ्य समस्या का संदेह होता है या आप किसी दवाई का उपयोग करने का विचार कर रहे हैं, तो आपको अपने चिकित्सक या स्वास्थ्य पेशेवर से पर्याप्त सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए।