हमारे भारत देश की स्पेस टेक्नोलॉजी
आज हमारे भारत देश की स्पेस टेक्नोंलॉंजी इतनी आगे बढ़ चुकी है की हम कल्पना भी नहीं कर सकतें है तो आज के चलिये दिलचस्प सफर की शुरूआत करते है।
इसरो ;इण्ड़ियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन जो की हमारे प्रिय देश भारत की सान है
मुख्यालय इसका बंगलौर में है
15 अगस्त साल 1969 ई0 में इसका गठन हुआ भारत के प्रथम प्रधानमंन्त्री जवाहरलाल नेहरू
उस समय के महान् वैज्ञानिक विक्रम साराभाई ने रिसर्च के तौर पर भारतीय राष्ट्रीय कमेटी के स्थान पर इसरों का गठन किया इसरो के गठन के बाद हमारे देश में एक अंतरिक्ष रिसर्च संस्थान को जगह मिली हमारे देश में जहाँ एक ओर कभी स्पेस मिसन को साईकिल पे ले जाकर वैज्ञानिक अपने मिसन को कामयाब करने में लगे हुए थे।
वहीं अगर आज के तौर की बात करें तो हमारा देश इतना सक्षम बन गया है सभी देश चाहें वे स्पेस टेक्नोलॉजी हो या कुछ ओर भारत देश कि वह वाहि करने से नहीं चूकते है।
तो एक बात हम लोंगों को भलिभाँति समझ लेना चाहिए कि हमारा देश विश्व गुरू बनने की
कगार पर है। वर्तमान समय की बात की जायेें तो हमारी छवि अन्य देशों में बहुत अच्छी मानी
जाती है।
शायद यहिं कारण होगा कि हमारा उन्नति के शिखर पर जा पहुँचा
वर्ष 1975 में पहला उपग्रह आर्यभट्ट इसरों ने छोड़ा तब से लेकर अब तक हम इसरो के
वैज्ञानिकों नें 380 से भी ज्यादा उपग्रह को प्रक्षेपित किया हैै।
इसमें भारत के उपग्रहों के साथ ही विदेशोे के भी उपग्रह शामिल है दुनियाँ की सबसे बड़ी रिमोट सेंसिंग प्रणाली भी इसरों के पास है। इस रिमोट सेंसिंग में कुल 10 उपग्रह शामिल है। जाकि पृथ्वी की सतह निगरानी करतें है
भारत की अंतरिक्ष प्रौघोगिकी के कुछ विजयी
1. पहला 1975 आर्यभट्ट उपग्रह प्रेक्षेपित किया
2. पहला दूरसंवेदक उपग्रह 1979 .......
3. पहला उपग्रह प्रक्षेपन यान 1980.......
4. पहला मिशन चंन्द्रयान पर 2008 .......
5. पहला मंगलमिशन 2013........
6. पहला मानवयुक्त आन्तरिक्ष मिशन विकसित किया जा रहा है ।